हिंदी साहित्य में साम्यवादी विचारधारा से संबंध रखने वाले श्री यशपाल जी का जन्म 3 दिसंबर सन् 1903 में फिरोजपुर छावनी (पंजाब) में हुआ था । उनके पिताजी का नाम हीरालाल तथा माता प्रेमा देवी थी । उनके पिताजी भुंपल गांव के निवासी थे जोकि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में है उनकी एक छोटी सी दुकान थी । माताजी एक अनाथालय में अध्यापिका थी।
यशपाल जी की प्रारंभिक शिक्षा कांगड़ा में हुई थी माताजी ने उन्हें पढ़ने के लिए गुरुकुल कांगड़ी में भेजा लेकिन अस्वस्थता के कारण यशपाल जी को गुरुकुल कांगड़ी छोड़ना पड़ा । बी. ए .करने के लिए यशपाल जी लाहौर के नेशनल कॉलेज गए और वहॉं पर भगत सिंह जी, चंद्रशेखर आजाद जी, सुखदेव जी से मिले और क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया। यशपाल जी को रीवा सरकार ने 1955 में देव पुरस्कार से सम्मानित किया । सन् 1970 में सोवियत लैंड सूचना विभाग ने 'सोवियत लैंड नेहरू' पुरस्कार द्वारा इन्हें सम्मानित किया तथा 1971 में हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा 'मंगला प्रसाद पारितोषिक' और भारत सरकार द्वारा इनको 'पदम भूषण' उपाधि देकर सम्मानित किया गया । 26 दिसंबर सन् 1976 में उनका देहांत हुआ।
रचनाएं:-
उपन्यास :-
'अमिता ' , झूठा सच ' , ' दिव्या ', ' देशद्रोही ', 'दादा कामरेड' , 'तेरी मेरी उसकी बात' इत्यादि । उनका 'झूठा सच' ( 1958 )उपन्यास भारत विभाजन की त्रासदी का मार्मिक चित्रण है ।
कहानी संग्रह :-
' ज्ञानदान ' , 'पिंजरे की उड़ान ' , 'तर्क का तूफान ', 'फूलों का कुर्ता ', ' पार्टी कामरेड ', 'दादा कामरेड, 'भस्मा मृत, चिनगारी ,धर्मयुद्ध, वो दुनिया आदि।
मक्रील, उत्तमी की मां ,सच बोलने की भूल, अभिशप्त,
'परदा' इन की प्रसिद्ध कहानी है ।
निबंध संग्रह :-
'बीबीजी कहती हैं मेरा चेहरा रोबीला है ', 'देखा सोचा समझा ' , 'राम राज्य की कथा ', ' चक्कर क्लब ', 'मार्क्सवाद', 'बात बात में बात ', 'जग का मुजरा' , न्याय का संघर्ष।
आत्मकथा:- सिंहालोकन
साहित्यिक विशेषताएं :-
यशपाल जी की रचनाओं में आम आदमी का यथार्थवादी चित्रण है। राजनीतिक पाखंड, आडंबर और सामाजिक विषमता पर आपकी लेखनी खूब चली है।
भाषा शैली:-
यशपाल जी ने अपनी रचनाओं में बोलचाल की सहज स्वाभाविक भाषा का प्रयोग किया है ।
'लखनवी अंदाज' पतन शील सामंती वर्ग पर व्यंग्य ( कटाक्ष )करने वाली रचना है ।
आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया निबंध है।
उर्दू के शब्दों का ज्यादा प्रयोग हुआ है जैसे नफासत नजाकत ।
तत्सम शब्दों का प्रयोग भी है उदर, तृप्ति,सतृष्ण।
प्रश्न - उत्तर
प्रश्न -एक यशपाल जी का जन्म कहां हुआ ?
उत्तर-फिरोजपुर छावनी (पंजाब) ।
प्रश्न -'लखनवी अंदाज' पाठ के लेखक का क्या नाम है?
उत्तर-यशपाल जी।
प्रश्न- यशपाल जी का जन्म किस सन में हुआ?
उत्तर - सन्1903 में।
प्रश्न- नेशनल कॉलेज लाहौर में यशपाल जी का किससे परिचय हुआ?
उत्तर-भगत सिंह जी से ।
प्रश्न -भारत विभाजन से संबंधित यशपाल जी द्वारा लिखित उपन्यास का नाम बताइए !
उत्तर-झूठा सच ।
प्रश्न- यशपाल जी ने प्रारंभिक शिक्षा कहां ग्रहण की?
उत्तर-कांगड़ा में ।
प्रश्न- यशपाल जी ने किस कॉलेज से बी. ए.पास किया?
उत्तर-नेशनल कॉलेज( लाहौर )।
प्रश्न-यशपाल जी स्वाधीनता संग्राम की किस विचारधारा से जुड़े हुए थे ?
उत्तर-क्रांतिकारी ।
प्रश्न-यशपाल जी साहित्य के किस विचारधारा से जुड़े हुए हैं थे ?
उत्तर - साम्यवादी/प्रगतिवादी कथाकार ।
प्रश्न- 'दादा कामरेड' के उपन्यासकार कौन हैं?
उत्तर- यशपाल।
प्रश्न- ' सिंहावलोकन' की विधा क्या है?
उत्तर - आत्मकथा।
प्रश्न -यशपाल जी की मृत्यु कब हुई?
उत्तर- 26 दिसंबर 1976
प्रश्न -'न्याय का संघर्ष' निबंध कब लिखा गया था?
उत्तर -सन् 1938 में ।
प्रश्न -'परदा ' कहानी के कहानीकार का नाम क्या है?
उत्तर- 'परदा' कहानी यशपाल जी द्वारा लिखी गई है ।
प्रश्न -'झूठा सच' उपन्यास के केंद्र में कौन सा विषय है?
उत्तर -'झूठा सच' की कहानी सन 1947 में भारत विभाजन से संबंधित है।
प्रश्न-'परदा' कहानी का मूल उद्देश्य क्या है?
उत्तर- 'परदा' कहानी का मुख्य उद्देश्य एक मध्यमवर्गीय परिवार की मजबूरी को दर्शाना है जो किसी न किसी प्रकार से अपने मान सम्मान को दिखावे भरी जिंदगी के माध्यम से बचाए रखना चाहता है।
प्रश्न- ' सिंहालोकन' क्या है?
उत्तर - सिंहावलोकन यशपाल जी की आत्मकथा है ।
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