Difference between Kabir and Surdas in Hindi कबीर और सूरदास में भिन्नता परिचय :- हिंदी साहित्य में कबीर एवं सूरदास जी का आविर्भाव भक्ति काल में हुआ । डॉ नगेंद्र के अनुसार कबीर जी का जन्म 1455 विक्रम संवत अर्थात 1398 ई. में होना स्वीकार किया गया है। तथा उनका निधन 1518 ई. माना गया है। दूसरी तरफ सूरदास जी का जन्म के विषय में विद्वान मतैक्य नहीं है तथापि संवत् 1535 अर्थात सन् 1478 ई. सूर का जन्म माना जाता है। सूरदास जी श्रीनाथजी के मंदिर में भजन कीर्तन किया करते थे। दोनों ही कवि भक्त कवि हैं। दोनों ही उस परमशक्ति परमात्मा का अस्तित्व मानते हैं । दोनों ही भक्ति के द्वारा इस संसार को पार करने की बात करते हैं तथा माया को प्रभु गुणगान में बाधा मानते हैं तथापि दोनों कवियों में भिन्नता भी है जिसका वर्णन अग्रिम पंक्तियों में किया जा रहा है। Difference between Kabir and Surdas in Hindi कबीर और सूरदास में भिन्नता कबीर जी के प्रसिद्ध ग्रंथ का नाम है 'बीजक'। सूरदास जी द्वारा लिखित ग्रंथों के विषय में विद्वान एकमत नहीं है तथापि उनकी प्रसिद्धि के आधार ग्रंथ तीन ...
कोरोना वायरस पर भाषण यहां पर सभी के लिए कोरोना वायरस से संबंधित भाषण लिखा गया है ताकि उनकी भाषण कला में निपुणता आ सके। प्यारे साथियो, आप सभी को नमस्कार । जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कोरोना नामक एक वायरस ने हम सबको गंभीर रूप से प्रभावित किया है । इस भयानक वायरस के विषय में ही मैं आज अपने विचार साझा कर रहा हूं । हम सब ने कभी भी यह नहीं सोचा था कि हम किसी महामारी के शिकार बनेंगे । बल्कि हम तो सुना करते थे कि एक बार प्लेग की महामारी फैली थी , हैजा की बीमारी फैली थी ,जिसमें हजारों लोग मरे थे । गांव के गांव तबाह हो गए थे । अकाल के विषय में सुन चुके हैं लेकिन आज हम स्वयं एक महामारी के शिकार हो रहे हैं जिसका नाम है ! कोरोना वायरस अथवा कोरोना विषाणु । कोरोना विषाणुओं का एक समूह है जिसके विभिन्न रूप अर्थात वैरीअंट है। उन्हीं में से एक रूप का नाम है कोविड-19 । यह सन 2019 में फैला था । संपूर्ण विश्व को इसने अपनी चपेट में लिया । बहुत लोगों की इसमें जान गई । लोगों को बहुत सी तकलीफे उठानी पड़ी। सरकार ने भी बहुत सी सावधानियां अपनाई ।...